Wednesday 5 August 2020

                   यह विडियो अवश्य देखें( परम कुमार)

जय महाकाल,

नमस्कार दोस्तों आप सब का मेरे इस ब्लॉग में पुनः स्वागत है|

दोस्तों आज हमारी चर्चा का विषय भारत के उस राजवंश के ऊपर है, जिसके पराक्रम, शौर्य और दानवीरता की गाथा पुरे विश्व में प्रचलित है| आज हम उस वंश के बारे में बात करने वाले हैं, जिसमें हुए एक वीर पुरुष के नाम पर हमारी धरती का नाम पृथ्वी पड़ा| आज हम उस वंश के बारे में चर्चा करने वाले हैं जिसमे, हुए एक राजा की वजह से लायी हुई नदी में स्नान करके आज की इस दुनिया में हम हर तरीके के पाप से मुक्त हो जाते हैं| दोस्तों आज हम उस वंश के बारे में जानेंगे जिसने कहा था “रघुकुल रीती सदा चली आई प्राण जाई पर वचन न जाई”| दोस्तों अब आप समझ ही गये होंगे मैं बात कर रहा हूँ महान सुर्यवंश की जिसमे भगवान विष्णु ने मानव अवतार में श्री राम के रूप में जन्म लिया था और बताया था कि अगर एक मानव चाहे तो क्या कुछ नही कर सकता है| उन्होंने बताया अगर मानव को कुछ हासिल करना है तो उसे अपने घर से बहर निकलना होगा| क्योंकि अगर श्री राम वनवास ना जाते तो वो केवल श्री राम रहते वो वनवास गये इसलिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहलाये| वो वन गये तो बन गये | उन्होंने बतया की हर नकारात्मक विषय में सकारात्मक देखो| जब महाराज दशरथ उन्हें आदेश देते हैं वन जाने का तब वो अपनी माता से कहते हैं “माँ पिताजी ने मुझे जंगलों का राजा बनाया है”| वो हमे बताने आये थे जो अपनों से दूर जायेगा वो पूरे संसार का हो जायेगा और पुरे संसार में उसका भी परिवार आयेगा तो वो अपने परिवार से कभी भी दूर होगा ही नहीं|

दोस्तों आज हमारी चर्चा का विषय श्री राम के ऊपर नहीं बल्कि श्री राम के वंश में उनसे पूर्व जन्मे बाकि महान राजाओं के ऊपर है| इनमे कुछ तो एसे वीर थे जिनके सामान आज तक कोई न हुआ| अगर इनके समय के भारत का मानचित्र देखा जाये तो पूरे विश्व पे केवल भारत का ही राज है|  आईये तो जानते हैं भारत के उन महान शासकों के बारे में जिनके नाम पर हमारी पृथ्वी का नाम है| 

दोस्तों जब आपने मेरे आज के इस ब्लॉग का विवरण पड़ा होगा तो आपको लगा होगा कि अरे मैं यह क्या बात कर रहा हूं पृथ्वी का तो जन्म जन्मांतर युग युगांतर से पृथ्वी ही नाम रहा| तो दोस्तों आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि पृथ्वी का नाम पहले से पृथ्वी नहीं था| पृथ्वी के पुराने नामों में से कुछ नाम मैदरी और मृतिका भी हैं| दोस्तों किस प्रकार से पृथ्वी का नाम पृथ्वी पड़ा और उसके पीछे की वजह क्या थी यह सब हम अपने आज के इस ब्लॉग में जानेंगे दोस्तों इस विषय के ऊपर चर्चा करने के पूर्व मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि किस प्रकार पृथ्वी का पुराना नाम मैदरी पड़ा| दोस्तों बचपन में आप सब ने अपने दादा दादी नाना नानी से मधु और कैटभ नामक दो राक्षसों की कहानी सुनी होगी| ये दो राक्षस अहंकार में मदहोश होके भगवान विष्णु के पास पहुंचे और कहा कि तुम हमसे वरदान मांगो श्री जगन्नाथ भगवान विष्णु ने इन दोनों से इनकी मृत्यु का उपाय वरदान के रूप में मांगा| मधु और कैटभ ने कहा चाहे राक्षस हो या भगवान या फिर दानव अगर किसी व्यक्ति का कहां हुआ वाक्य अधूरा रह जाए तो उस व्यक्ति का जीवन व्यर्थ होता है | तब मधु और कैटभ ने अपनी मृत्यु का मार्ग स्वयं ही भगवान विष्णु को बता दिया| उस मार्ग के अनुसार मधु और कैटभ ना ही धरती पर मर सकते थे, ना ही आसमान, ना ही जल में डूब सकते थे, ना ही धरा में समा सकते थे | तब भगवान विष्णु ने अपनी जांघ को पूरे जगत में फैला दिया और कैटभ का सर अपने सुदर्शन चक्र से अलग कर दिया, जब वह मधु को मार रहे थे तो उन्होंने अपनी गदा का प्रयोग किया जिससे मधु के शरीर का मैदा जिसे अंग्रेजी में फैट भी बोला जाता है, पूरे भूमंडल में फैल गया जिसकी वजह से पूरे भूमंडल का नाम मैदरी पड़ गया| तो दोस्तों यह थी कहानी पृथ्वी के नाम मैदरी होने की| (पृथ्वी का नाम मृतिका कैसे पड़ा इसका विवरण हमे अभी प्राप्त न हो सका)

 आइए अब हम जानते हैं किस प्रकार पृथ्वी का नाम पृथ्वी पड़ा| दोस्तों भगवान श्री राम के वंश में अनेक अनेकों प्रतापी और महान योद्धा हुए| उसमें से एक थे महाराज पृथु | ऋषि मारीची के द्वारा स्थापित इक्ष्वाकु वंश के छठवें राजा दोस्तों आपको यह जानके बड़ी हैरानी होगी कि महाराज पृथु का जन्म केवल उनकी पिता की दाई भुजा से हुआ था इनकी कोई भी माता नहीं थी| इनके पिता अनेनस ने भगवान ब्रम्हा का आह्वान कर अपने दाई भुजा से पृथु की उत्तपति की|

विष्णु पुराण के अनुसार महाराज पृथु भगवान विष्णु के अंश थे| दोस्तों मैं यहां पर आपको यह  बताना चाहूंगा कि अवतार और अंश में बहुत छोटा सा एक अंतर होता है| जब हम कहते हैं कि श्री राम भगवान विष्णु के अवतार थे तो उसका मतलब यह है कि मनुष्य रूप में भगवान जन्मे थे और जब हम कहते हैं महाराज पृथु में भगवान विष्णु का अंश था, तो उसका मतलब है भगवान विष्णु की कलाओं का कुछ अंश महाराज पृथु में जन्म से था| भगवान विष्णु ने महाराज पृथु के रूप में इस संसार में इसलिए जन्म लिया था क्योंकि वह इस पूरी पृथ्वी की मानव जाति को एक साथ लाकर एक बेहतर जीवन सबको प्रदान करना चाहते थे| इसके लिए महाराज पृथु ने बहुत से युद्ध भी किए और उन्होंने यह पृथ्वी भी जीत ली| दोस्तों आपको यहां पर थोड़ी शंका हो सकती है कि मैं बार-बार पृथ्वी नाम क्यों ले रहा हूं क्योंकि अभी तक महाराज पृथु के नाम पर पृथ्वी का नाम नहीं पड़ा था| दोस्तों उसकी तथा कुछ इस प्रकार से है पौराणिक काल में ध्रुवा नाम का एक अत्याचारी राजा था जिसने अपने पूरे राज्य में पूजा पाठ करने से मना कर दिया था| इससे क्रुद्ध होकर धरती मां ने गाय का रूप लिया और भाग गई| जिससे पूरे संसार में अकाल पड़ गया| कहीं पर भी वर्षा नहीं होती थी| कहीं पर भी खेती नहीं होती थी, कहीं पर भी एक परिंदा नहीं बच रहा था| जीवन मानो समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया था| सारे ऋषियों ने मिलकर महाराज पृथु से विनती की कि है महाराज पृथु आप अत्याचारी और दुष्ट राजा ध्रुवा का अंत करें और माता धरती को पुनः लाएं| तब महाराज पृथु ने ध्रुवा से लड़ाई की और उसे युद्ध में पराजित कर वह माता धरती की खोज में निकल गए| वह जब अरावली वनों के जंगलों में पहुंचे तब उन्हें वहाँ पर एक अलग सी आभा  वाली एक गाय दिखी| महाराज पृथु समझ गए कि यह और नहीं बल्कि माता धरती हैं|  उन्होंने माता धरती का बहुत दूर तक पीछा किया पर माँ धरती ना रुकी| तब मजबूरन महाराज पृथु तो माता धरती के सामने आना पड़ा और वहां माता धरती से टकराकर घायल होते हुए| अपनी घायल अवस्था में उन्होंने माता धरती को रोका और माता धरती का जो कि अभी गाय के स्वरूप में थी उनका दूध पिया| इससे प्रसन्न होकर माँ धरती पुनः अपने असली स्थान में स्थापित हो गयीं, क्योंकि इस धरती को उसका रक्षक मिला| एक रक्षक भी ऐसा, जिसने पुनः पूरे संसार को एक नया जीवन दिया| इस प्रकार धरती का नाम महाराज पृथु के नाम पर पृथ्वी पड़ गया| तो दोस्तों यह थी महाराज पृथु की कथा जिन्होंने ना केवल मानव जीवन को बचाया था बल्कि आज हमारी पूरी पृथ्वी का नाम उनके नाम पर है| पर मुझे बड़ा दुख है कि हमें भगवान श्री राम के बारे में तो पढ़ाया जाता है| पर इनके उज्जवल पूर्वजों के बारे में हमें नहीं पढ़ाया जाता |अगर हम किसी बालक से पूछे की महाराज श्री राम के पिता का क्या नाम था तो वह दशरथ बता सकता है पर अगर हम यह पूछे कि भगवान श्री राम के दादा का क्या नाम था? तो वह नहीं बता सकता वह यह नहीं बता सकता कि लव कुश के बच्चों का क्या नाम था? इसलिए अगर भारत को एक आत्मनिर्भर देश बनना है तो उसे जरूरी है कि भारत की युवा पीढ़ी भारत के  लोगों को उसकी संस्कृति को जाने|

इस आशा के साथ की आप मेरा यह सन्देश जन-जन तक पहुँचायेगे में आप सब से विदा लेता हूँ| आब आप सब से अगले ब्लॉग में मुलाकात होगी|

                                ||जय महाकाल||

                                 ||जय भारत||



Earning Website Link- 

https://www.ysense.com/?rb=101658828 
(Link will not open by clicking first time.
 For first time by clicking
you all redirected to a ad
you have to come back and click 
on the link once again,
now earning website will be
open where by completing
surveys you can earn
money in dollars)

 


05\08\2020

                                                                                                               परम कुमार

                                          कृष्णा पब्लिक स्कूल

                                          रायपुर (..)

                                          कक्षा-11



ऊपर दिया गया चित्र इस लिंक से लिया गया है-

https://www.google.com/url?sa=i&url=http%3A%2F%2Fevents.iskcon.org%2Fevent%2Fmayapur-institute-iskcon-leadership-course-march-2016%2F&psig=AOvVaw2VQ9iDXBJhbERp7Le8T9W8&ust=1596724791853000&source=images&cd=vfe&ved=0CAIQjRxqFwoTCJCbotilhOsCFQAAAAAdAAAAABAJ

 



5 comments:

  1. Intresting, came to know demetri new

    ReplyDelete
  2. राम वन गए, तो बन गए। इस प्रकार की स्वरचित पंक्ति केवल परम ही लिख सकते हैं। अयोध्या में ५ अगस्त, २०२० को होने वाले दिन ही इस ब्लॉग का आना कुछ विशेष इंगित करता है। परम को अनेकोनेक बधाई।

    ReplyDelete
  3. A great historical content loved it. I came to know more about it which I didn't knew it before. A great work keep sharing.

    ReplyDelete
  4. बेहतरीन, परम कुमार जी। शाबाश। ज्ञान वर्धक।।

    ReplyDelete
  5. बेहतरीन लिखा है आपने परम सर जी 👍

    ReplyDelete

अगर आप अपने किसी पसंदीदा भरतीय एतिहासिक तथ्य के ऊपर ब्लॉग लिखवाना चाहते हैं तो आप हमे 9179202670 पर व्हात्सप्प मैसेग( whatsapp messege) करे|

Best Selling on Amazon

Member of HISTORY TALKS BY PARAM

Total Pageviews

BEST SELLING TAB ON AMAZON BUY NOW!

Popular Posts

About Me

My photo
Raipur, Chhattisgarh, India

BEST SELLING MI LAPTOP ON AMAZON. BUY NOW!

View all Post

Contact Form

Name

Email *

Message *

Top Commentators

Recent Comment