प्रेरणा : History Talks By Param
दोस्तों शुरू से मेरी इतिहास में रुचि रही है| रामायण और महाभारत की कथाएँ तथा उनसे जुड़ी अन्य उपकथाओं बचपन (3-4 वर्ष की उम्र) से मुझे लुभाती रही हैं| थोड़ा और बड़े होने पर लगभग 8-9 वर्ष की उम्र मेँ मेरी जिज्ञासा स्वतः राजस्थान के गौरवशाली इतिहास की तरफ हो गयी| जिस कारण मै दो बार राजस्थान राजपुताने के इतिहास का केंद्र रहे चित्तौड़गढ़ और उदयपुर जाकर उस गौरव को और वहाँ की मिट्टी को साक्षात नमन भी किया| वर्ष 2018 में जब मै कक्षा 8 मे था तब छत्तीसगढ़ के इतिहास पर रायपुर के पुरातत्व विभाग द्वारा एक संगोष्टी / सेमिनार का आयोजन किया गया था| जिसमे मैंने अपनी छत्तीसगढ़ पर संक्षिप्त जानकारी के अनुसार शोध पत्र का सार भेजा| जिसके बाद मुझे सूचित किया गया कि मेरी उम्र कम होने के कारण मुझे शोध पत्र पढ़ने का अवसर दिया जाना संभव नहीं हो पायेगा और उसमें वरिष्ठ शोधकर्ताओं को ही अवसर दिया जा सकता है| परंतु मुझे आयोजकों की तरफ से संगोष्ठी मे शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था परंतु मै संगोष्ठी मेँ नहीं गया| इस घटना के कुछ दिनो के बाद एक अनजान नंबर से मेरे पापा को संपर्क किया गया और संपर्क करने वाले सज्जन ने मेरे पापा को मुझे लेकर छत्तीसगढ़ बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के कार्यालय मे आने को कहा| वहाँ मेरी मुलाक़ात पहली बार श्री धीरेन्द्र शर्मा सर से हुई जिन्होने राज्य शासन के उच्च पदाधिकारियों से न केवल मेरी मुलाक़ात करवाना सुनिश्चित किया बल्कि भारतीय इतिहास और छत्तीसगढ़ के इतिहास से संबन्धित कई रोचक जानकारियाँ भी मुझे उपलब्ध करवायीं| वहाँ सभी ने मुझे अत्यधिक प्रोत्साहित किया और यह सुझाव दिया कि मै अपना ब्लॉग लिखना शुरू करूँ| इसी प्रेरणा ने History Talks By Param को शुरू कारवाया और दिनांक 29 अप्रेल 2018 को महाराणा अमर सिंह पर मैंने अपना पहला ब्लॉग लिखा| इसके बाद अपने निकट परिवारजनों के सहयोग, अपने मेंटर श्री धीरेन्द्र शर्मा सर के लगातार उत्साहवर्धन से मेरे ब्लॉग में लेखों की संख्या बढ़ते गयी और ब्लॉग पढ़ने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ने लगी जिससे मुझे अतिरिक्त उर्जा मिली| इसके अलावा 2018 के जून से ही मैंने अपने गुरुदेव रामलाल जी सियाग का ध्यान करना शुरू किया जिनके आशीर्वाद से मुझे इस तरह की इतिहास से संबन्धित जानकारियों को खोजने और लिखने मे एक अलग तरह की मदद मिलने लगी| यह वेबसाइट www.paramkumar.in को बनाने मे मेरे चाचा श्री आकाश श्रीवास्तव जी का विशेष योगदान रहा जिसमे मेरे ब्लॉग के सभी लेखों का अध्यन किया जा सकता है| History Talks By Param के लेखों को लिखने मे मेरे परिवारजनों के अलावा मेरे स्कूल के शिक्षकगण, मेरे मित्र और कई सज्जन व्यक्तियों ने मुझे अलग-अलग समय मे नये-नये तरह के सुझाव देकर मुझे हमेशा बेहतर लिखने के लिये लगातार प्रेरित किया जिसके लिये मै उनका बहुत आभारी हूँ और उन्हे अपने हृदय से धन्यवाद एवं प्रणाम करता हूँ|
आपका परम कुमार
कृष्णा पब्लिक स्कूल,
रायपुर (छत्तीसगढ़)