जय महाकाल
नमस्कार दोस्तों आपका एक
बार फिर से मेरे इस ब्लॉग मै हार्दिक स्वागत है| आज हमारी चर्चा का विषय है ठगों पर| 'ठग', यह नाम आज कल बहुत चल रहा है क्योंकि हाल ही मै एक फिल्म “ ठग्स ऑफ़
हिन्दोस्तान ” आयी है| परन्तु इस फिल्म में ठग्स को एक अलग तरीके से दिखाया गया है|
इस फिल्म मे ठग्स को एक समुद्री लुटेरा बताया गया है जो की गलत है| आज के इस ब्लॉग
मै हम यह जानेगे की असली मैं कौन थे ये ठग्स? और कैसे इनकी उत्पति हुई और कैसे इनकी
समाप्ति हुई| आईये शुरू करते हैं|
ठग्स की उत्पति के बारे मे बहुत से किस्से हैं,पर उनमे जो सबसे अधिक प्रचलित है वो यह है की, जब माँ दुर्गा ने रक्तबीज के अन्त के लिए काली देवी का रूप धारण किया था| तब वो जब रक्तबीज को मार रहीं थी उस समय उसकी बूंदों से उसके जैसे और दानव खड़े होते जा रहे थे| तो माँ काली ने अपने अंदर से दो व्यक्तियों को निकाला जो की अपने हाथ मै लाल रंग का रुमाल लेके खड़े थे और रक्तबीज से उत्पन हुए अन्य दानवों को मृत्यु के गोद में सुला देते थे| इस युद्ध की समाप्ति के बाद उन दोनों ने पूछा की हे माँ हमारे लिए क्या आदेश है? माँ ने कहा तुम पृथ्वी पर ही रहो और यह कहके माँ अंतर्ध्यान हो गयीं| उन दोनों मनुष्यों ने लोगों को मारना ही अपना धरम बना लिया था और अपने जैसे कई और व्यक्ति तैयार कर लिए| यह तो हुई ठगों की उत्प्पति के बारे मैं बात| अब बात करतें हैं उनके प्रभाव के समय की और इनमे कौन-कौन लोग रहते थे|

ठगों से परेशान होकर
अंग्रेज सरकार ने सन 1830 में लार्ड विलियम बेन्त्रिक को भारत का गवर्नर जनरल
नियुक्त किया था और विलियम हेनरी सिल्लोमन को ठगों के अत्याचार रोकने के
लिए भारत मैं नियुक्त किया| यह आदेश भी निकाला की अब से जंगलों मैं कोई भी व्यक्ति
जायेगा तो उसके साथ 500 सैनिक जायेंगे और उसकी रक्षा करेंगे| इसके अलावा ठगों को
जिन गाँव से मदद मिलती थी उन्होंने वहां अपने जासूस लगा दिए| इस तरह से उनकी हर एक
खबर विलियम हेनरी तक पहुँच जाती और वो ठगों से पहले उस जगह पर पँहुच जाते थे जहाँ
ठग अपनी साजिश अंजाम देने वाले होते और इस तरह से धीरे-धीरे ठगों का प्रभाव कम होने
लगा| अन्त में ग्वालियर मैं ठगों से हुई एक मुठभेड़ में उन्होंने ठगों
के सरदार बहरम को पकर लिया और सन 1840 में उसे फांसी हो गयी और ठगों का काल
खत्म हुआ|
तो दोस्तों यह थी ठगों की
असली कहानी|इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए ताकि और लोग भी ठगों का असली
इतिहास जान सकें| अगर आप को मेरा यह ब्लॉग अच्छा लगा हो तो इस पर कमेंट और शेयर
करें|
धन्यवाद्
|| जय भारत ||
|| जय महाकाल ||
20/11/2018
परम
कुमार
कक्षा-9
कृष्णा
पब्लिक स्कूल
रायपुर
ऊपर दी गयी फोटो इस लिंक से ली गयी है https://comicvine.gamespot.com/images/1300-3795443
Very interesting,
ReplyDeleteVery good👍👍👍👏👏👏👏👏👏
Thanks Santosh Chacha
DeleteVery nice very good
ReplyDeleteThanks Raju Chacha
DeleteVery nice param.....god bless u...😘😘😘😘😘😘😍😍😍😍😍
ReplyDeleteLajo huaa
DeleteI don't know who are you.
DeleteBut thanks & Please tell me your name
Must say this, "pretty Cool Facts indeed.."
ReplyDeleteAnd compilation is perfect as it has always been.
Cheers mate.
Thanks Golu Chacha
DeleteWow param
ReplyDeleteThanks sir or Mam. Who soever you & please tell me your name
DeleteVery good param beta��
ReplyDeleteThanks Dadi
Deleteएतिहासिक परिप्रेक्ष्य मे ठगो का इतिहास बहुत पुराना है। जिन्हें बनाफर भी कहा गया है। कृष्ण को भी ठगिया कहा गया है ।
ReplyDeleteपरम ने छोटा सा लेख लिखा है परन्तु उसमें क्षमता अपार हैं।
Thanks Mam or sir who soever you are & please tell me your name
DeleteVery good..
ReplyDeletegod bless you
Thanks uncle
Deleteठगों के बारे में इस प्रकार की वैज्ञानिक विवेचना अनूठी है । बरहम के बारें में पहली बार कुछ पढ़ने, सुनने को मिला। जानकर खुशी हुई कि उन्होंन अंग्रजो को भी परेशान किया,अर्थात अप्रत्क्ष रूप से स्वन्त्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया।
ReplyDeleteइस अनोखी पहल के लिये परम को बधाई एवं शुभ कामनाए।